, मगर नेताओं और बाबाओं के एक बड़ा फर्क यह है की, किसी बाबा के खिलाफ आवाज़ उठाना या उसके बुरे कर्मों का पर्दाफास करना भगवान् (तथाकथित) का अपमान या हिन्दू धर्म का निरादर घोषित कर, पर्दाफास करने वालों कर जीना दूभर कर दिया जाता है.
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मुझे नहीं मालूम कि मैं आपकी बात को गलत समझ रहा हूँ या फिर आप बात को कुछ ज्यादा ही घुमा गए माथुर साहब, मैंने तो कभी इस मकसद से नहीं कहा कि आप अधर्म और पाखंडो का पर्दाफास करना बंद कर दीजिये, कहने का मकसद सिर्फ इतना था कि आपस में एक दूसरे से उलझना खुद को भी टेंसन देता है!
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किसी भी iswariya शक्ति की कृपा अनायास ही प्राप्त हो सकती है उसके लिए आप को पैसा देने की जरुरत नहीं होती कृपा सामूहिक रूप से नहीं बरस सकती / जो पैसा लेकर कृपा करने का जांसा देता है वो बस और बस फ्रोड कर रहा है / मीडिया को ऐसे पाखंडी लोगो का पर्दाफास करना चयेये न की पैसा कमाने का जरिया बनाना चायेये //
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यही हाल उन नेतोँ का भी हुआ, जो जेलों में बंद किये गए और ज़मानत में है., मगर नेताओं और बाबाओं के एक बड़ा फर्क यह है की, किसी बाबा के खिलाफ आवाज़ उठाना या उसके बुरे कर्मों का पर्दाफास करना भगवान् (तथाकथित) का अपमान या हिन्दू धर्म का निरादर घोषित कर, पर्दाफास करने वालों कर जीना दूभर कर दिया जाता है.